नई दिल्ली । साइबर स्पेस पर पहली बार इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली में हो रही है। दो दिवसीय इस कॉन्फ्रेंस का इनॉगरेशन गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा-पिछले दो दशक में साइबर स्पेस के क्षेत्र में काफी बदलाव आए हैं। पहले फोन आया, फिर मोबाइल और अब सोशल मीडिया ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को काफी बढ़ावा दिया है। भारत में जनधन-आधार-मोबाइल ने लोगों के लिए नए रास्ते खोले हैं। आज भारत का किसान भी टेक्नोलॉजी के जरिए कई चीजें ऑपरेट कर लेता है। बता दें कि इस कॉन्फ्रेंस में 120 देश शामिल हो रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा- टेक्नोलॉजी बैरियर खत्म करती है।
टेक्नोलॉजी ने भारत के वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांत को सही साबित किया है। आज दुनिया ग्लोबल विलेज बन गई है। डिजिटल टेक्नोलॉजी ने सर्विस डिलिवरी और गवर्नेंस के काम को आगे बढ़ाया है। भारत की आईटी प्रतिभाओं को दुनिया में काफी सम्मान की नजर से देखा जाता है। मोदी ने कहा, 2014 में यूथ्स के लिए कई आइडियाज थे, वे देश के लिए काम करना चाहते थे। सरकार ने सिटिजन इंगेजमेंट पोर्टल रू4त्रशङ्क लॉन्च किया। इसपर करोड़ों लोगों ने रिस्पॉन्स किया। सरकार ने प्रगति लॉन्च किया। इसके जरिए हर महीने के बुधवार को केंद्र सरकार, राज्य सरकार और अफसरों से योजनाओं की प्रोग्रेस के बारे में बात करती है। इसके चौंकाने वाले रिजल्ट आए हैं। डिजिटल टेक्नोलॉजी से लोगों की इनकम में इजाफा हुआ है। ये नए बिजनेस को खोलने में भी कारगर साबित हुई है। भारत के लोग अब कैशलेस इकोनॉमी को अपना रहे हैं। हम मोबाइल पावर के जरिए लोगों को कैपेबल बना रहे हैं। साइबर फॉर डिजिटल इन्क्लूजन, साइबर फॉर इन्क्लूसिव ग्रोथ, साइबर फॉर सिक्योरिटी और साइबर फॉर डिप्लोमेसी पर चर्चा की जाएगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये और खुद इसमें मौजूद रहकर फ्रांस, जापान, इजरायल और ब्रिटेन सहित 120 देशों के करीब 10 हजार रिप्रेजेंटेटिव्स शामिल होंगे। इससे पहले सम्मेलन लंदन और बुडापेस्ट में हो चुका है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को बताया- इंटरनेशल प्लेटफॉर्म पर साइबर डिप्लोमेसी तेजी से उभर रही है। इसलिए सम्मेलन में साइबर सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा होगा। भारत डिजिटल इन्क्लूजिव प्रोग्राम को बढ़ावा देना चाहता है।